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Transcript of Ep 04 दहेज़ में रिवॉल्वर /वेद प्रकाश शर्मा#novelstories #goggleguru #vedprakashsharma#hindinovels

Video Transcript:

हेलो दोस्तों स्वागत है आप सभी का गूगल गुरु ऑडियो बुक्स की एक और मजेदार एपिसोड में मौजूदा ऑडियो बुक का नाम है दहेज में रिवाल्वर थ्रिल और सस्पेंस नवल का मजा लेने के लिए हमारा चैनल अभी सब्सक्राइब कर दीजिए और बेल आईकॉन प्रेस करके जो सिलेक्ट कर लीजिएगा साथ ही वीडियो पसंद आने पर लाइक और कमेंट्स की बौछार भी कर दीजिएगा चलिए अब शुरू करते हैं थ्रिल और सस्पेंस से भारी हुई इस कहानी को इसे स्वर्गीय श्री वेद प्रकाश शर्मा जी ने लिखा है इसका टाइटल एकदम से चुकाने वाले रखा गया है हालांकि नाम से ही स्पष्ट हो जाता है की इसमें रिवाल्वर का उसे एक किरदार के तोर पर किया तो दोस्तों डर ना करते हुए मजा लेते हैं रोचक कहानी का और सचमुच संदूक के अंदर से दहेज के समाज के बीच एक ऐसी वास्तु निकली जी पर नजर पढ़ते ही बिंदु के हलक से सीख निकाल गई थी धैर्य के बंद टूट गए कोहराम मैच गया इसी वक्त शारदा प्रसाद को बुलाकर लबादान कहे की जैसे हालात में हो इस में भेज चले आए सदा इस घर में अब एक पाल भी नहीं र शक्ति हमने अपने घर के लिए लड़की मांगी थी मुसीबत नहीं मांगी थी बादल बगैर कुछ कहे दौड़ता हुआ मकान से बाहर निकाल गया फोन करो पापा पंकज ने कहा फोन करके साथ आई है इसकी तमन्ना क्या है आप उसे फोन करो पापा गिरधारी लाल फोन पर कारंजा के लाइन पर आते ही गिरधारी लाल ने कहा तुम जी हालात में हो इस हालात में फौरन यहां चले आओ विनय क्यों ऐसी क्या बात हो गई अंकल फोन पर कुछ नहीं बता सकते बेटे तुरंत ए जो मैं बालम से रिवाल्वर के बड़े में पूछताछ कर रहा था रंजन का बिंदु तो ठीक है ना हां फिलहाल घर में रही तो शायद हम में से कोई ठीक ना रहे क्या बात कर रहे हो अंकल फोन पर कुछ नहीं बता सकते बेटे बालम से पूछताछ बाद में कर लेना पहले यहां आकर देख लो की हम किस मुसीबत में फैंस गए हैं जानते थे की जितनी बातें का चुके हैं उन्हें सुनने के बाद करंजियां वहां एक सेकंड नहीं रुक सकेगा और वास्तव में हुआ भी यही शारदा यही सवाल बढ़ावा से शारदा प्रसाद कई बार पूछ चुके थे गिरधारी लाल ने उन्हें कर की घटना से लेकर सुधा को समझने का प्रयास तक कहा विस्तारपूर्वक सुनाया सुनते ही करंजिया की जहां खोपड़ी घूम गई वहां शारदा प्रसाद की हालात ऐसी हो गई जैसे उन्हें उन सबके सामने नंगा खड़ा कर दिया गया हो जो श्रद्धा पूर्वक उनके चरण स्पर्श करते थे मारे गुस्से के उनका बड़ा हाल था दुबला पतला और कमजोर शरीर सुख पेट की मानिंद का बहुत जोर से चीखेत कहां है इतनी ताकत कहां से ए गई मुश्किल से गिरने से रॉक पाया हिस्टीरिया अंदाज में दहाड़ते चले गए अगर मां-बाप को पता हो की औलाद ऐसी निकलेगी तो पैदा होते ही गला उठाते बलदेव ने तो नीचे हमें दिखाई ही था इस लड़की ने तो जीते जी मार दिया हमें प्लीज प्लीज गुरु जी सुधा को समझाया जा सकता है नहीं पंकज आगे बढ़कर बोला बात समझने की हद से आगे निकाल चुकी है ऐसा मत बोलो पंकज भाई मैं तुम्हारे पर पकड़ता हूं खाने के साथ करंजाने सचमुच उसके पर पकड़ लिए गिरगिड़ा उठा हुआ सुधा नादान है ना समझ है मैं जानता हूं की यह सब उसने किया है गुरु जी को बहुत प्यार करती है वह उसकी तरफ से मैं तुम्हारे पैरों में पढ़कर माफी मांग रहा हूं उसे समझा लूंगा किसी को शिकायत का मौका नहीं देगी वह जितनी बातें हमने तुम्हें बताई है बेटे अगर बात केवल वही तक होती तो शायद माफ की जा शक्ति थी गिरधारी लाल ने कहा मगर बात उससे बहुत आगे निकाल चुकी है इतनी की जिसकी कल्पना तक नहीं की जा शक्ति खड़े होते हुए करंज्या के मुंह से निकाला क्या मतलब दहेज के संदूक से हम एक पेंटिंग मिली है पेंटिंग तुम्हारी सुधा की बनाई हुई पेंटिंग मगर खरंजा की आवाज का रही थी पेंटिंग में क्या है यह लो खाने के साथ पंकज ने सेंटर टेबल पर अब तक उल्टी राखी पेंटिंग उठाकर करण यह की आंखों के सामने लहरा दी अपनी आंखों से अपनी मुंह वाली बहन के करतूत देख लो उसकी तमन्ना जान लो और और यह सच है की पेंटिंग पर नजर पर तहलक से चखने निकालना चाहा बड़ी मुश्किल से उसने अपने मुंह से निकालने वाली सीख चोरों का जबकि पंकज ने शारदा प्रसाद से कहा लीजिए आप भी अपनी बेटी के करतू देख लीजिए मगर पेंटिंग दुबला पतला जिस मदमस्त शराबी की भांति लहराया गुरु जी गुरु जी करण जी का मगर शारदा प्रसाद उसके नजदीक पहुंचने से पहले ही डराशाई हो चुके थे नहीं बाबा नहीं एक कमरे के दरवाजे से सुधा की चिखुरी नहीं छोटे से रेस्टोरेंट के फैमिली में पोपट के सामने बैठा लगभग गिड़गिड़ा उठा ऐसा मत कर यार मेरी नौकरी चली जाएगी तू तेरी नौकरी तो मैं का जाऊंगा महावीर का चेहरा ठीक है की मैं पुलिस में रहकर तेरा कम करता हूं मगर इंस्पेक्टर की खासियत नहीं पूछ रहा हूं समझना की जय मत तो उठा जरा सोच मेरे पास तेरी काली करतूत के सारे प्रमाण है उन्हें केवल एसपी एसपी तक पहुंचाना होगा मुझे सामने आने की जरूर भी नहीं पड़ेगी और एसपी अकेले तेरे खिलाफ नहीं बल्कि तेरे साथ पीडिया के खिलाफ ऐसा एक्शन लगा की तू दर-दर का भिखारी बैंड ही जाएगा मेरे साथ वीडियो में से कभी किसी को पुलिस की नौकरी नहीं मिल सकेगी यह बात तू मैन या ना मैन तो सही मगर उसकी सुन बिना पोपट कहता चला गया ऐसा तब होगा तो क्या होगा 5000 रुपए तेरे घर पहुंच जाएंगे नौकरी इसलिए नहीं जाएगी क्योंकि मैं कम ही ऐसी योजना के साथ करूंगा माधवराव को हथियार डालने पड़े बोला मानता हूं भाई क्या योजना है तेरी अभी थोड़ा बताया तू की ठाणे पर कुछ समय कल आठ पुलिस यह एक सब इंस्पेक्टर हरि सिंह भाई एक हवलदार एक कांस्टेबल एक तू और कर सिपाही अब जरा यह बता की अगर बालीगंज की झुकी झोपड़िया में आज ग जाए तो ठाणे में क्या होगा सिस्टम हिल जाना हिल है यह सिस्टम को अपने साथ लेकर बालीगंज की तरफ लगेगा उसे सिपाही को भी नहीं ले जा सकते जिसकी ड्यूटी ठाणे के मुख्य द्वारा पर है क्योंकि ठाणे की चौकसी की जिम्मेदारी इस पर है ठीक है ठाणे पर आज की सूचना फोन द्वारा बड़ा चढ़कर पहुंच दी जाएगी इतनी बड़ा कर की हरि सिंह को अपने साथ ले जाए उनका सिस्टम कटाई फाड़ दिया जाएगा और अगर मैं बालीगंज के लिए रावण हो इधर पोपटलाल की सवारी ठाणे में दाखिल होगी बालीगंज में आज कौन लगाएगी झोपड़िया का मामला है आज लगाने में भला क्या डर लगती है खाना बनती किसी औरत के चूल्हे से एक लपट को ज्यादा जोर से लकी नहीं की खास उसकी तरह झोपड़ी में आज को गले लगाया नहीं ऐसे ही सिस्टम को पढ़ा जाता है जब तू चाहे हो जाता है तेरा भाई पोपट हूं यह बात तुम्हारा समझा माधवराव ने ऐसे सर में कहा जैसे दम निकाला जा रहा हो शरीर से कमजोर मगर दिमाग से स्वस्थ पोपट उसे सिस्टम समझने लगा सिस्टम यानी योजना [संगीत] पेंटिंग में बिंदु बनी हुई थी एन जीवित अमृत मारती हुई बिंदु बनाई गई मस्तिष्क में पेंटिंग कितना जबरदस्त शक लगा होगा की बेहोश हो गए हैं इनकी हालात तुम्हारी वजह तो मैं तुमसे एक को भी जिंदा नहीं छोडूंगी सुधा करंज पर कर्चिकूटा ये क्या बैक रही हो तुम सुधागर रोटी लगता है तुम भी इन्हीं की तरफ भावना है भाई सबसे पहले बात तो यह है की तुम्हें सम्मानित लोगों को संबोधित करने की तमीज नहीं है दूसरी एक ही गुरु जी की हालात की जिम्मेदारी यह लोग नहीं बल्कि तुम हो तुम्हारी करते सुनकर तुम्हारी पेंटिंग को देखकर मुझे हरकत करने और ऐसी पेंटिंग बनाने के लिए किसने मजबूर किया तो मैं ब्रह्म का शिकार मैं खुद को इसलिए भ्रमित नहीं मां शक्ति क्योंकि लड़का रुकने वाली रसम से लेकर शादी से एक रात पहले तक मम्मी पापा के बीच होने वाली बातें अपने कानों से सुनिए और इनके द्वारा मांगी गई एक-एक चीज का जुगाड़ करते वक्त पापा है अगर यह सब भी मां लिया जाए तो क्या इसका मतलब यह है की तुम ऐसी पेंटिंग बनोगी पेंटिंग बनाई है ना अभी मार तो नहीं दिया किसी को ऐसे पेंटिंग बना कर संबंधित व्यक्ति को दिखाना उसे मार डालने से कहानी ज्यादा घटक है जरा बिंदु के चेहरे पर नजर डालो सफेद पड़ा हुआ है खून का एक कटरा तक नजर नहीं ए रहा है वहां जब से यह पेंटिंग अच्छी है तब से गी बंदी हुई है उसकी मुंह से बोल तक नहीं फूटा है कमल है केवल पेंटिंग देखकर यह हालात हो गई सचमुच गली ग जाए तो क्या जरूर मगर फिर जान क्या सोचकर गिरधारी लाल की तरफ पलट कर बोला अंकल मैं सुधा सर्किल में बातें करना चाहता हूं कोई लाभ नहीं होगा बेटे खुद ही सोचो की बहू के रूप में आई ऐसी लड़की को भला कौन अपने घर में रखेगा नहीं र शक्ति इसी वक्त जाना होगा इसे नहीं अंकल प्लीज आप इस तरह की बातें ना करें अगर आप तो समझदार हैं समझ सकते हैं अकेले में समझने की कोशिश करता हूं अगर मैं इसका ब्रह्म दूर करने में सफल हो गया तो तब आप देखेंगे की सुधा कितनी अच्छी लड़की है गिरधारी लाल नमक खोल ही ताकि खुदा की रोटी तुम मुझे क्या समझाओगे विनय भाई अगर अकेले में एक मिनट केवल एक मिनट के लिए मुझे गिरधारी लाल से बातें करने की इजाजत दो तो मैंने समझा दूंगी की सुधा कितनी अच्छी लड़की है तुम खामोश हो करंज्या कर रहा है जहरीली मुस्कुराहट के साथ सुधा कहती चली गई समझ शक्ति हूं विनय भाई की तुम मुझे क्या समझाओगे यही ना की अगर मैं यहां इस किम के हरकतें करती रही तो हमारे साथ में के पापा मारे जाएंगे और अगर मैं अपने पापा को जीवित देखना चाहती हूं तो यह हरकतें बैंड कर दो [संगीत] अगर तुम मेरे बगैर समझाएं इस बात को समझ रही हो क्या तुम्हारा इरादा गुरु जी की जान लेने का है नहीं विनय भाई पापा नहीं देख शक्ति तुम फिक्र मत करो केवल 1 मिनट के लिए मुझे गिरधारी लाल के साथ अलग कमरे में भेज दो उसके बाद जो कुछ तुम देखोगे उसे चमत्कार के अलावा कोई शब्द ना दे सकोगे तुम देखना की मेरी हरकतें रुकेंगी ही नहीं बल्कि और उग्र हो जाएगी जबकि गिरधारी लाल पापा से मेरी हरकतों का जिक्र करना तो दूर जो शिकायत है अब तक की है उनके लिए माफी मांगते नजर आएंगे पापा से इन्हें कहना पड़ेगा की सुधा से इन्हें कोई शिकायत नहीं है कारंजा की खोपड़ी घूम गई मुंह से बोलना फुट सका सदा की तरफ ऐसी नजरों से देख रहा था जैसे सुधा सुधा ना होकर चलती फिरती को तो मीनार हो गिरधारी लाल कमल देवी पंकज बादल और बिंदु का हाल ना पूछो के चेहरे मर्दों के चेहरे की तरह आने लगे दिल धड़ धड़ करके बाज रहे थे [संगीत] केवल एक मिनट के लिए मेरे साथ एकांत में चल रहे हो या नहीं भला में अकाउंट में क्यों चलूं गिरधारी लाल बुरी तरह हकला उठे हालात बेरंग थी एक-एक शब्द को कबाती हुई बोली हुआ आप नहीं चलेंगे तो जो एकांत में कहना चाहती हूं उसे यही विनय भाई के सामने का दूंगी गिरधारी लाल सोच लो खेल यही खत्म हो जाएगा बोलो इजाजत हो तो का डन गिरधारी लाल के दिलों दिमाग और जिस पर एक साथ बिजली गिरी वहीं खड़े-खड़े पंकज की भी यही नजर ए रही थी मगर वह कृष आगे बड़ा की कहानी सुधा मुंह से कोई और सुना निकाल दे जल्दी से बोला मेरी समझ में यह बात ना यार पापा की आपको सुधा से एकांत में बात करने में क्या पट्टी है अगर यह ऐसा चाहती है तो चले जाइए एकांत में इसके साथ देखिए तो सही किया कहती है समझदारी मुश्किल से पागल होने से रॉक हुए हो दिमाग के सभी चैनल मानो ताप हो चुके थे सिस्टम हिल चुका था समझ में ना ए रहा था की बोले तो क्या बोले जबकि गिरधारी लाल ने एक कमरे के दरवाजे की तरफ बढ़ते हुए आहिस्ता से कहा आओ पर विजई मुस्कान थिरकोटी गिरधारी लाल के पीछे लकी वह वाकई बहू हो तो ऐसी उन दहेज लोभी कमीनों के लिए और इसी तरह इन दहेज लगी लोगों का सिस्टम पड़ा जा सकता है अब क्या करना है ऑफिस के दरवाजे पर खड़ा होकर उसे आवाज लगा भूल गया क्या लगता है खड़ा हूं तो तू क्या कर सकता है सिस्टम यही बात ते हुई थी मुझे यही बयान देना है की कहूंगा की मरता के आना करता साहब उसने मेरी कमर पर रिवाल्वर तोक राखी थी सिस्टम पाल रखा था मुझे एकदम फिट बयान है यह तो डर ना करता हूं चल ऑफिस के दरवाजे पर लगाओ अपने दफ्तर का दरवाजा पर करके इंस्पेक्टर के ऑफिस में आया ऑफिस के दरवाजे से थाना का मुख्य द्वारा और उसे पर खड़ा सिपाही नजर आता था माधवराव से मधुराम ने जोर से रेवती चरण को आवाज लगे खड़े-खड़े का इशारा किया अनजान ऑफिस की तरफ आया दरवाजा पर करके अंदर कम रखना हुआ बोला क्या बात है तू रपट लिखवाने आया आदमी कहां चला गया मगर ना तो राम ने जवाब दिया और ना ही रेवती चरण जवाब सुनने की अवस्था में रहा कटाई वह भी किसी खतरे की गढ़ तक ना सुन पाया था की सर पर लोहे की बनी किसी वास्तु का वार हुआ जिसका सुधा ने दवा किया था यानी चमत्कार जो हुआ चमत्कार के अलावा उसे कोई दूसरा नाम नहीं दिया जा सकता था इस पर शक नहीं की गिरधारी लाल लव सुधा के साथ बैंड कमरे में 1 मिनट से ज्यादा ना रहे थे मगर जब बाहर निकले तब वे वह गिरधारी लाल हरगिज़ नहीं थे जो एक मिनट पहले हाल में मौजूद था जिसने कहा था चाहे जो हो जाए मगर अब सुधार एक पाल भी इस घर में नहीं र सकेगी इसी वक्त जाना होगा इसे इस गिरधारी लाल ने कारंजा से कहा हमें सुधा से कोई शिकायत नहीं है बेटे क्या करण जी छल पड़ा जहां की हालात अंतरिक्ष में भटक रहे तीन के जैसी हो गई अपने चेहरे और आंखों में संपूर्ण संसार के आश्चर्य को समेटे वह गिरधारी लाल को जो वैसे तुम मुस्कुरा मुस्कुरा कर खुद को सामान्य दर्शाने की भर्षक कोशिश कर रहे थे मगर चेहरे पर पुती खौफ की काली साफ नजर ए रही थी बोले हमारे और बहू के बीच कुछ गलत कमियां हो गई थी जिनके करण व्यक्ति तुम्हें और शारदा प्रसाद को कष्ट देना पड़ा तुम दोनों को हुई असुविधा के लिए हम क्षमा प्रार्थी हैं है उसे सुधा की तरफ जिसकी आंखें जुगनू के मां थी मुखड़े पर दुर्लभ बाबा जगमगा रही थी और गुलाबी होठों पर नृत्य कर रही थी वह मुस्कुराहट जिसके तोर पर झलक रहा था साइन में त्रिशूल बनकर बांधती चली गई सस्पेंस की जाति के करण दहाड़ उठा हुआ और कौन सी गलतफहमी का जिक्र कर रहे हैं आप भावना हमसे मजाक किया था और हम उसके मजाक को सच समझना की भूल कर बैठे मजाक कर चाचा असर होगा करण जी आप पागल सा होकर कर रहा है विदा होते ही सुधा द्वारा गाड़ी में की गई बदतमीजी द्वारा कर पर की गई हरकतें कम क्यों के खेल में पंकज भाई की गई टी और यह सब मजाक था हां कैसा मजाक था यह कितना घृणाथ कितना डरावना यह बात सुधा से हमने भी कहीं कहा की यह हमसे माफी मांग ली है अपनी गलती स्वीकार कर ली है इसने और भविष्य में ऐसी गलती ना दोहराने का वचन भी दिया है झट कर दोनों हाथों से गिरधारी लाल पकड़ लिया अंकल गिरधारी लाल भोले जरूर मगर वही जो पहले भी कर चुके थे केवल यही रेट रहे की यह सब सुधाखा मजाक सुधा को पड़ा जाना चाहा की उसने गिरधारी लाल के कान में आखिर क्या मंत्र है मगर उसने भी बार-बार गिरधारी लाल के ही शब्दों की पुष्टि की सारे प्रयास नाकाम होने तक करण जवानों सचमुच पागल हो चुका था रे को अपनी खून से घूरता गिर रहा है आज तक मैच घर में बहन का ससुराल होने के नाइट आता रहूं भविष्य में पुलिस इंस्पेक्टर होने के नाइट आना होगा क्या बात कर रहे हो बेटे को लगे नहीं देना चाहते हैं और इसने शायद इस अपराध को खोल देने की धमकी दी है पंकज क्या होता क्या बात कर रहे हो विनय भाई यहां भला क्या अपराध हुआ हो सकता है जिनका अतीत कल हो जिन्होंने कभी कोई क्राइम किया हो और सुधा द्वारा ब्लैकमेल होते मैं तुम सबको अपनी आंखों से देख रहा हूं मैं यहां से यह दवा करके जा रहा हूं गिरधारी लाल की बहुत जल्दी उसे भेद को पालूंगा जिसका खौफ दिखाकर सुधारना तुम सबको पालतू बकरी बना डाला है खाने के साथ करंज्या वहां रुक नहीं फिर अपनी मुख्य द्वारा की तरफ घुमा और जी तूफानी जोके की तरह आया था उससे कहानी ज्यादा जबरदस्त धोखे की तरह चला गया गिरधारी लाल पंकज कमल देवी बादल और बिंदु थरथर रहे थे जबकि सुधा सीन तानी और होठों पर ऐसी मुस्कान लिए खड़ी थी जैसे इंसानों के होठों पर केवल तब शोभायमान होती है जब कामयाबी उसके चरण छुम रही हो सफलताएं बंदी हो चुकी हो [संगीत] करंजिया का दिमाग ठाणे में कम रखते वक्त तक भरणाया हुआ था और उसे क्षण तो उसके जहां का फनाशी उड़ गया जब बालीगंज में लगी आज और बालम के फरार होने की सूचना मिली अपने बाल नच लेने का उसका बालीगंज से ए चुके हरि सिंह पर बरस पड़ा हुआ जब हरिसिंह ने बताया की बालीगंज में लगी आज उतनी भयंकर नहीं थी जितनी अज्ञात व्यक्ति द्वारा किया गए फोन पर बताई गई थी तो उसकी आंखें सुखद कर गोल हो गई माधवराव का बयान लिया सारांश यही था की पोपट काटने की रपट लिखवाने के बहाने ठाणे में आया द्वारा पर खड़े ऑफिस में बुलाने के लिए विवश किया अंत में करंजियां ने रेवती चरण का बयान लिया जब रेवती शरण अपने बेहोश होने का हाल बता रहा था तो करंजी हाल से चौक बोला क्या कहा जब सर के पिछले भाग पर चोट की गई उसे वक्त तुम माधवराव के सामने खड़े हो उससे बात कर रहे थे यह सर क्या बात कर रहे थे पूछ रहा था की रपट लिखवाना है व्यक्ति कहां चला गया तो मैं अच्छी तरह याद है ना रहती शरण हमला ठीक उसे वक्त हुआ जब तुम माधवराव के सामने उसकी तरफ मुंह करके खड़े थे जी साहब मुझे अच्छी तरह याद है क्या तो मेरे पीछे से मुझमें पर हमला किसने किया झूठ तो बोल रहा है और अभी उठने का पर्यटन कर ही रहा था बनाया होगा तब गिरधारी लाल की निवास से हटा अतः दोनों हाथों से मधुराम का घेरा बंद पकड़ कर उसे ऊपर उठाता हुआ घबराए जिसमें पवित्र वृद्धि में छुपा रखा है हरामजादे और नौकरी अपराधियों की बजना है बोल पोपट बालम को यहां से लेकर कहां गया है मुझे नहीं मालूम साहब सीखने के बाद उसने माधव राम को हरि सिंह की तरफ धकेल और उसे वक्त खालू डरते रहो जब तक की असलियत नो गंदे हरि सिंह ने हम का पालनपुर किया खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से बुरी तरह थक हुआ महसूस कर रहा था दोनों हाथ से सिर्फ आंखें बैंड कर ली स्थान का चार्ट संभालने से लेकर अब तक की घटनाएं चलचित्र चयन के पर्दे पर घटित होने लगी जान क्यों उसे ऐसा ग रहा था की कुंडा की गिरफ्तारी से लेकर गिरधारी लाल के हाथ चमत्कार तक की घटनाएं किसी एक ही मामले की कड़ी है दोनों गिरधारी लॉन में जमीन आसमान का अंतर था क्यों था यह अंतर जवाब नदारत 30 मिनट गुर्जर गए जब आप जबकि हवालात से लौटे हरि सिंह ने कहा माधवराव टूट गया है सर क्या बालम को फरार कराया है जी दिन से स्थान में आया और खतरनाक से कहां जाएंगे करंज्या के जान के 10 मिनट बाद तक हाल में ऐसी खामोशी विराजमान रही जैसे वहां अकेले शारदा प्रसाद ही नहीं बल्कि गिरधारी लाल का पूरा परिवार बेहोश पड़ा हो करंज्या के अंतिम शब्दों ने उनके रोंगटे खड़े कर दिए थे दूसरे शब्दों में कहा जाए तो गिरधारी लाल के पूरे परिवार का सिस्टम ही हैंग हो गया था अंत में वहां छी खामोशी को सुधारने थोड़ा खड़े-खड़े एक दूसरे का थोबड़ा क्या देख रहे हो पापा का उठाकर लेट हूं की तुम्हें मुझे कोई शिकायत नहीं शारदा प्रसाद की तरफ बड़े आओ पंकज हमारी हेल्प करो तोक सटका पीछे एट चेहरे पर वैभव थे जो अपनी तरफ बाढ़ रही शेरनी को देखकर बकरी के चेहरे पर होते हैं सदा उनके नजदीक पहुंची आंखों में आंखें डाली जबड़े पीछे और एक एक शब्द को छबाती हुई बोली तूने मुझे काम ही कहा बचाओ बुरी तरह दरी हुई कमल देवी चिक पड़ी तो कोई मुझे स्टूडेंट से बचाओ चुड़ैल कहा इन शब्दों के साथ बिजली किसी गति से सुधा के दोनों हाथ कमल देवी की गार्डन पर जाम गए दांत भेज कर ड्राइवर तू मुझे काम ही खागा चुड़ैल रहेगी मुझे मैं तेरा ही बैंड करके तेरा पूरा सिस्टम खराब कर डॉगी आवाज के साथ हाथ पर पटकती हुई पति सुन रहा था दो-दो जवान बेटे सुन रहे थे बेटी सुन रही थी मगर मदद के लिए कोई आगे ना बड़ा सख्त होती चली गई यहां तक की कमल देवी का चेहरा जबकि सुधा कर रहा रही थी 13 गला में तब तक नहीं छोडूंगी जब तक की इशारा से यह नहीं स्वीकार करेगी की बोलने की हालात में आता ही सबसे पहले खुद को कलमोही कहे की चुड़ैल रहेगी मम्मी को छोड़ दो मैं सब कहेंगे जो तुम चाहोगी इसका हवा पंकज राणा के साथ सुधारने कमल देवी का हिलाया इस कामिनी से कहा कमवा खेसारी लाल ठीक पड़े तुम इशारों से का क्यों नहीं देती की वह खाओगी जो यह चाहेगी बेचारी कमल देवी जब बचाने वाले थे जब वह सलाह दे रहे थे तो क्या करती स्वीकारोक्ति का इशारा करना पड़ा उन्हें एक झटका से अपने हाथ हटा लिया बुरी तरह अभी तक उनके साइन पर स्वर थी उधर कमल देवी बोलने लायक कोई कमल देवी की जवानी ऐसा लगा जैसे सुधा के कलेजे को ठंडक पहुंची हो चेहरे पर वैभव थे जो अपने पिता की हत्यारे को जलील करते वक्त एक खुद्दार बेटे के चेहरे पर होते हैं एक बार पुनः कर उसने दोनों हाथों से कमल देवी का ब्लाउज पड़ा और गुरी याद रख आइंदा मुझे गली देने की गुस्ताखी की तो वही गली तुझे अपने आप को और अपनी बेटी को देनी होगी बेचारी कमल देवी कुछ बोले भी तो कैसे गिनती बंदी हुई थी सिस्टम हिल हुआ था गिरधारी लाल ने कहा शारदा प्रसाद को उठाने में मेरी मदद करो पंकज जी नहीं बादल भी आगे बड़ा धीरे-धीरे सरकती बिंदु हमारे खौफ के भारी जा रही थी वह कमल देवी के निकट पहुंची उनके कंधे पर सांत्वना देने की बड़ी बचकानी की कोशिश की उसने उधर शारदा प्रसाद के जिस को इस तरह लेताया गया जैसे कांच के बने और जरा सी दशक लगता ही टूट जान का खतरा हो मेरा होश में लाने की कोशिश करो मैं कपड़े बादल कर आई हूं तो ठीक है बादल ने कहा ध्यान रखना अगर इसे कुछ भी उल्टा सीधा खाने की कोशिश की तो नहीं नहीं खेसारी लाल उसका अधूरे वाक्य का पूरा मतलब समझते हुए हम केवल वही कहेंगे जो तुम चाहती हो ऑटो पर विजई मुस्कान लिए सुधा कमरे की तरफ बड़ी और फिर वह कैमरा अंदर से बैंड हो गया कमल देवी तेजी से किंतु दबे पाओ के नजदीक पहुंचे वे खफा थी बोली तुम कैसे पति और बेटे हो हमारी गार्डन दबाती रही किसी ने उसे चांडाल ने की छोटी पकड़ कर जमीन में नहीं रगड़ी अगर उसने सुन लिया की तुमने उसे चंद डालनी कहा है तो वह कमल हो गया इस घर में ऐसा कमल हो गया जैसे पहले कभी किसी घर में नहीं हुआ होगा कमल देवी खुशबू साथी चली गई स बहू को हर घर में गली देती है यह उल्टी थी घर में देखिए की बहू ने स को गलियां दी और गलियों को तो छोड़ो मेरा टेवा ढाबा दिया उसने अगर अपने आप को गलियां देना स्वीकारना करती तो शायद मार ही डालते कल के अखबार में लोगों को यह अजीब खबर पढ़ने को मिलेगी की एक बहू ने अपने ससुर पति नंद और देवरा के सामने स का गला दबाकर हत्या कर दी बादल बोला तुम भी बेकार में पंगा ले रही हो मम्मी से गली देने की जरूर ही क्या आई है मुझे क्या मालूम था की वह मालूम होना चाहिए था मम्मी पंकज ने कहा अगर तुमने दिमाग से कम नहीं लिया तो खुद भी मरोगी और हमें भी मारवा डॉगी तो मैं इस वक्त जाना चाहिए था की हमारी कोई कमजोर जस उसके हाथ में है जब उससे बातें करने के बाद पापा इन परिस्थितियों में तुम्हें उसे गली नहीं देनी चाहिए थी इसका मतलब यह हुआ की अगर वह हमें से किसी को मार भी डेल तो आदमी को इसका विरोध तक ना करेगा हिंदू ने आतंकित स्वर में पूछा खेसारी लाल बोले फिलहाल स्थिति इतनी ही विकेट है बिंदु आखिर हमारी कौन सी जस उसके हाथ में ए गई है कमल देवी शब्द बधाई ताकि पंकज ने कहा मैं से वही शब्द सुना चाहता हूं पापा जो उसने कहे हैं कमरे में पहुंचने ही उसने आपसे क्या कहा खाने लगी की मुझे सगाई से एक दिन पहले दहेज में आने वाले रिवाल्वर की संपूर्ण जानकारी है गिरधारी लाल यह शब्द सुनते ही हमारे पैरों तले की जमीन सड़क गई अभी होश ठिकाने भी नहीं ग पे थे की बोली और यह भी याद रखना की गुलाब के पौधे की जड़ से रिवाल्वर गायब हो चुका है यह सुनते ही हमारे रहे हो के बड़े में इतना सब कुछ कैसे पता है मुझे तो यह भी मालूम है की उसका इस्तेमाल सबसे पहले कहां किसके खिलाफ और किसके द्वारा हुआ था हमारे कानों में उतरते चले गए अगर तुमने बिना और पापा से यह नहीं कहा की ऐसा एक गलतफहमी के करण हुआ यानी सुधा मजाक कर रही थी और तुम समझ ना सके तो मैं चिक चिक कर साड़ी दुनिया को रिवाल्वर का रहस्य बता दूंगी मलाई धमकी के बाद हम अपने होश कैसे रख सकते थे गिरधारी लाल कहते चले गए जहीरता के बाद जी शिक्षक चाहे हमें फैंसी कर शक्ति है तो उसके हम का गुलाम तो बन्ना ही था मैं इसका मतलब तो यह हुआ की हम साड़ी जिंदगी अपने भविष्य से आतंकित और हुकुम चलती रहेगी हमें सताती रहेगी और हम सारे जीवन यह सब सहाना पड़ेगा जीवन से तो मौत भाले कमल भगवान हमें मौत दे दे स्थिति विकेट जरूर है पापा मगर उतना नर्वस होने की जरूर नहीं है जितने आप हो रहे हैं पंकज ने कहा दुनिया में ऐसी कोई समस्या नहीं जिसका हाल ना हो जब तक हाल नहीं निकलता तब तक निश्चित रूप से हम उसके गुलाम का जीवन गुजरते के लिए विवश है मगर यह स्थिति हमेशा नहीं रहेगी कोई जरूर निकलेगा क्या हाल निकाल सकता है इस बार सुधार के मुंह से आवाज फैंटर हंटर की फटकार बन करने के लिए और फिर जो कुछ हुआ उसे शायद विवरण सहित लिखने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि होना वही था जो सुधा छाती थी वह सब समझाया गया यशोदा छाती थी शारदा प्रसाद को अपने बेहोश होने से पूर्व की और होश में आने के बाद की स्थितियां में जमीन आसमान जैसे अंतर को देखकर आश्चर्य जरूर हुआ परंतु जब घर का एक-एक सदस्य वही का रहा था जो सुधा का रही थी तो वे कर भी क्या सकते थे सारे परिवार ने सदा की तारीफों के पुल बंद दिए कुछ डर तक तो शारदा प्रसाद मुंह की बातें सुनते रहे धीरे-धीरे है गिरधारी लाल ने कहा उसे भी वास्तविकता बता दी गई और अच्छी तरह से यह बात समझने के बाद ही यहां से गए हुए के करण हुई थी संतुष्ट होने के बाद शारदा प्रसाद यह कहते हुए विदा हुआ की प्रोग्राम यह अलग बात है की शारदा प्रसाद के विदा होते ही सुधारने सुर्ख साड़ी का पल्लू सर से उतारा हिंसक नजरों से अपने दुश्मनों को गोरा और गिरधारी और फैमिली का सिस्टम ही हिल चुका था उन लोगों की हालात ऊंच हो जैसी हो गई जिनके बीच बिल्ली मंडरा रही हो किसी नतीजा पहुंचे तोर पर कोई नतीजा नहीं निकाल पाया हां छठी इंद्री बार-बार मुझे यह अवश्य का रही है की हो ना हो जी धमकी या रहस्य के सामने गिरधारी लाल के परिवार ने घुटने हैं उसे रहस्य का संबंध किसी ना किसी रूप से सुनैना के मर्डर से भी है मुमकिन है तो मैं मालूम ही है की आज मैं सुबह के भाई का एक और फर्जी निभाना हेतु उसे लेने गिरधारी लाल के यहां गया था उनसे अकेले में कल हुए चमत्कार के बड़े में जन की कोशिश की मगर वह कल वाले अपने बयान पर अधिक भरपूर कोशिश के बाद भी जब वे टच से मास एन हुए तो गुस्से में सुधार से जानना चाहती है वह किस धमकी के तहत ससुराल वालों की नाक में नकल डेल हुए परंतु वह कुछ नहीं बताती जबकि जबकि जब मैं सुधा को विदा कर के लाया तब उसकी आंखों में ऐसे भाव थे जैसे इशारों ही इशारों में उनसे का रही हो की अगर उसकी इच्छा के विरुद्ध एक भी कम करने की कोशिश की तो एक-एक को कच्छ चब जाएगी ऐसा उधर जो सुधा उनकी तरफ देखते तो लगता था की वह शेरनी के समाज खरगोश के बच्चे हैं और जैसे ही सुधा की नजर उन पर से हट्टी तो ऐसा लगता है जैसे किसी अंधेरी कोटरी से निकाल कर कैदी रोशनी में पहले सांस ले रहे हो हरि सिंह समझ नहीं का रहा हूं की आखिर चक्कर क्या है मामला सुनैना के मर्डर से जुड़ा है या कोई और है आपके गुरु जी किस अवस्था में पुरी तरह संतुष्ट है और उन्हें इस अवस्था में होना भी चाहिए मैंने इस संबंध में उनसे कोई बात नहीं की मगर मैं तब तक चैन से बैठने वाला नहीं हूं जब तक रहस्य की आप करेंगे क्या आज रात चोरों की तरह गिरधारी लाल के मकान में जाना होगा वाक्य निश्चित रूप से भी सुधा के चंगल से निकालने की तरकीब सोच रहे होंगे उनकी बात है मुझे रहस्य से परिचित कर शक्ति है क्या मैं भी आपके साथ चलूं सर नहीं कारंजा के झगड़ा उसकी जरूर नहीं है रात के 2:00 बाज रहे थे सर शहर नींद के आगोश में था मगर उसे परिवार के किसी भी सदस्य की आंखों में निद्रा ना था जिसकी कहानी आप सांस रॉक कर सुन रहे हैं गिरधारी लाल के परिवार के सभी सदस्य ड्राइंग हाल में एकत्रित है दहेज में आए नए सोफा सेट पर बैठे थे बीच में नहीं कल सेंटर टेबल पड़ी थी गिरधारी लाल ने अभी अभी कहा था सबसे बड़ा सवाल यह है किसने बताया वास्तव में यही वह सवाल है पापा जिसने मेरे दिमाग की जादौन को हिल कर रख दिया है पंकज कहता चला गया अगर सुधारने बैंड कमरे में आपसे केवल यह कहा होता की उसे रिवाल्वर के दहेज में आने और गुलाब के पौधे की जड़ से गायब हो जान का भेद मालूम है तो मैं यह मानकर संतुष्ट हो जाता की सर खेल रहे हैं परंतु क्या परंतु मामला इससे आगे कहा की उसे मालूम है की इस रिवाल्वर का इस्तेमाल सबसे पहले कहां किसके विरुद्ध किसने किया इस डायलॉग का अर्थ है की उसे कुंडा द्वारा सुनैना के मर्डर की ही नहीं बल्कि यह जानकारी [संगीत] अंत में बादल बोला जब से पेपर्स में बालम के फरार होने की खबर पड़ी है तब से ना जान क्यों र रहकर संपूर्ण जिस में खौफ की लहर दौड़ रही है डरो मत बादल पंकज ने कहा डरने से कोई समस्या हाल नहीं हो शक्ति हां यह मैं भी मानता हूं की बालम का जय से फरार हो जाना हमारे लिए खतरे का सूचक है गिरधारी लाल ने पूछा तुम्हें किस किम के खतरे की आशा है पंकज अब तक की परिस्थितियों इंगित करती है की यह भाई बहन यानी सुधा और बालम मिलकर कोई खतरनाक खेल खेल रहे हैं इस धमकी के साथ दहेज में रिवाल्वर आना की रिवाल्वर हमारी मौत बनकर आया है और दूसरी तरफ सुधा द्वारा बनाई गई पेंटिंग साफ तोर पर इशारा करती है की वह हम सबको मौत के घाट उतारने के मां सुबह बनाए हुए हैं पंकज के मुंह से निकालने वाले उपरोक्त शब्द पूरे होते होते सभी के चेहरे भाई से पीले पद चुके थे और सबसे ज्यादा खौफ इकट्ठा हुआ था बिंदु के चेहरे पर इसी तरह की पूछताछ के दरमियां बालम ने यह बताया की उसे परिवार ने छन लिया था मैंने पहले ही संभावना व्यक्त कर दी थी की बालम करंज्या के सामने रिवाल्वर को यहां भेजना वाली हकीकत नहीं उगलेगा बल्कि कोई भी उल्टी-सीधी कहानी गडकर सुना देगा सेंट परसेंट वही हुआ है यदि वल्लभ ने करण जैसे झूठ बोला है आपने पेपर ध्यान से नहीं पढ़ा साफ-साफ लिखा है की कारंजा को भी बालम के बयान की सत्यता पर शक है क्योंकि अपने द्वारा गड़े गए अज्ञात हमलावर का होलिया तक बयान नहीं किया उसने भगवान जान की अचानक हम पर या मुसीबत का पहाड़ क्यों टूट पड़ा कमल देवी भाई से रस्त होकर कहती चली गई एक तरफ बालम नाम की नंगी तलवार गार्डन पर लटका हुई है तो दूसरी तरफ सुधा नाम की भूतनी खिचड़ी बनकर लिपटी हुई है तो तीसरी तरफ कुंडा है वह जिसके हम के मुताबिक आज हमें ₹10000 जय में पहचाने थे मगर यहां पहले झंझटों के करण ना पहुंच सके पता नहीं इसके बदले में जालिम हमारे खिलाफ कुछ नहीं करेगा समस्या का समाधान यह है की आप कारंजा की नॉलेज में कुंडा से मिलने जय में जाएंगे उससे कहेंगे पूछेगा क्यों आपका जवाब पुरी तरह सामान्य होगा कहिएगा की एक बार उसे हरामजादे की शक्ल देखना चाहते हैं पूछना चाहते हैं की हमने उसका क्या बिगड़ा था जो उसने हमारी बहू की हत्या कर दी यह क्या बात हुई यहां से माहौल में पता ही है आपको यह बात दमदार नजर ना ए रही हो मगर जब करण जैसे कहेंगे तो नजर आएगी उसमें सबसे ज्यादा योगदान होगा आपके खाने के तरीके और अभिनय का अगर आप नजरों में ऐसी छवि बनाने में कामयाब हो गए की आप वाकई सुंदर से केवल इसलिए मिलन चाहते हैं की उसके विरुद्ध आपकी जय आपके दिल में रोशन है तो उसे आपका यह प्रस्ताव अटपटा नहीं लगेगा गिरधारी लाल ने कुछ खाने के लिए अजीब सी आवाज उत्पन्न हुई थी जवाब देने के लिए पंकज नमो खोल जरूर परंतु हलक से आवाज ना निकाल साकी वजह थी अंधेरे से निकाल कर सारे हाल में गुजरे किसी के चलने की आवाज बालकनी में कोई चल रहा था परिवार के 500 सदस्य के दिल छल छल कर मानव हालात में ऑफ है चेहरे पर पसीने की बंदे झिलमिल होती हाथ-पांव सुना पद गए कदमों की निरंतर आवाज गंज रही थी अंततः पंकज कोरा उठा को कौन है कौन है बालकनी में मैं अंधेरे में घर-घर आई इसी आवाज निकाल कर हाल में कुंजी मैं कौन गिरधारी लाल चिक पड़े नाम बोलो अंधेरे में कहा गया अगर उसने तुम्हारी आवाज सुन ली तो खेल खत्म हो जाएगा लेकिन करण की तरफ बढ़ते हुए पूछा मुझे नहीं मालूम हवा जीने एक ऐसा स्विच ऑन कर दिया जिसके परिणाम स्वरूप सीडीओ और बालकनी वाला सर हिस्सा ट्यूब के दूधिया प्रकाश कुंडा एक साथ सबके अलग से सीख निकाल गई चेहरे पर आश्चर्य का सागर बढ़ाया मुंह फटे के फटे र गए जिसमें जहां के तहत स्थिर मानव अचानक वी पांच जीते जागते प्राणी पत्थर की सनिलाओं में तब्दील हो गया हो निश्चित रूप से वह कुंडा ही था कल कोटी से एक दिन पहले का सबक रहा जिसमें पर विचाराधीन कैदियों वाला लिबास सीडीओ पर उतारना जारी करता हुआ सर्प की मां इन कर पहले भी का चुका हूं सेट हर एक बार फिर कहता हूं लोन में करंजिया मौजूद है अगर खैरियत चाहते हो तो धीरे बोलो एक लफ्ज़ भी उसके कानों तक पहुंच गया तो तुम सब की छुट्टी हो जाएगी सिस्टम गोल हो जाएगा तुम्हारा लेकिन करण उसकी गतिविधियां देखकर मुझे लगा की तुम्हारे बीच होने वाली बातचीत सुनने की फिराक में है मगर तुम भी पूरे हो मकान के सभी खिड़की दरवाजे मजबूती के साथ अंदर से बैंड है तुम्हारी बात सुनने के प्रयास में मैंने उसे विभिन्न खिड़कियों से कान लगाते अपनी आंखों से देखा है क्या उसने हमारी कोई बात सनी अगर उसे किसी खिड़की दरवाजे से अपने प्रयास में कामयाबी मिल जाति तो एक के बाद एक दूसरे और दूसरे के बाद तीसरी खिड़की दरवाजे से कर लगाएं घूम रहा होता जाहिर है टीकम से कम तब तक उसे कामयाबी नहीं मिल पी थी जब तक की मेरी नजर उसे करती अभी अभी क्या का रहे थे तुम पंकज ने पूछा करण जाना तुमसे किस संबंध में बात की थी उसे हम पर शक क्यों है निरंतर सीडीओ से उतरते कूदना ने उन्हें वे साड़ी बातें बता दी जो करण है उससे जय के अस्पताल में की थी बात पुरी होने तक जहां कुंदन सीढ़ियां ते करके हाल में कम रख चुका था वही गिरधारी लाल के संपूर्ण परिवार के चेहरे ऐसे नजर आने लगे थे मानव प्रत्येक के जिस से रक्त की एक-एक बूंद निचोड़ ली गई हो या विचार अपने आप में अनुभव के विस्फोट जैसा विस्फोटक था की करंजियां सुनैना की हत्या को दहेज हत्या के एंगल से देख रहा है गिरधारी लाल की नजरों में इससे भी कहानी ज्यादा विस्फोटक आई है की कारंजा ने संबंध में उनसे कोई बात नहीं की बल्कि गुपचुप तरीके से उसके खिलाफ इन्वेस्टिगेशन कर रहा है मगर तुम तुम यहां कैसे पहुंच गए फरार हो गए होंगे इस वक्त हम मौजूद थे उसकी आंखों में गर्दिश करती वासना की चमक साफ-साफ नजर ए रही थी कल होठों पर दी मुस्कुराहट जब की नेत्र बलात्कार था एक आगे बढ़कर पंकज बोला बिंदु तुम अपने कमरे में जो तुम्हारा बड़ा लड़का जरूर है ज्यादा समझदार लगता है जिसे हाल पर करके जाना चाहती थी मगर इस प्रयास में लाड खड़ा रही थी ग रहा था जैसे कोई उसे वापस आओ नजरों का जो कमरे की तरफ बढ़नी बिंदु के नितंबों पर मानो चिपक कर र गई थी किसी की परवाह किया इस विषय को आगे बढ़ाने से रोकने की कर्ज से पंकज ने कहा यानी तुम जय से फरार नहीं हुए नहीं तो फिर यह अपनी आंखें पंकज पर टीका दी जय में मुझे पता लगा की फरार होने वाले मूर्ख होते हैं फरार होने का मतलब है सर जीवन चौहान की तरफ दिलों में छुपाते फिरते रहो पुलिस और कानून की नंगी तलवार हमेशा के लिए गार्डन पर लटक जाति है जब जय में हर सुविधा हासिल है तो इतनी मुसीबत है टूटने वाले को मूर्ख ना कहा जाए तो क्या कहा जाए हम समझे नहीं गिरधारी लाल ने कहा 11:00 बजे जय पहाड़ निकाल दिया और 4:00 बजे तक बाहर र सकता हूं मैं इन 5 घंटा की कीमत जय में नहीं था गिरधारी लाल डांग र गए कुटिल मुस्कुराहट के साथ कुंडा कहता चला जा रहा था अब तुम ही कहो सेट फरार होने वाला मूर्ख हुआ की नहीं भला जय से बेहतर निवास स्थान कहां होगा चाहे जो करो ना कानून का डर ना पुलिस की गोलियां से छलनी होकर किसी गटर में पड़े र जान कब है सबसे बड़ा फायदा तो यह है की चाहे जहां चाहे जो अपराध कर हो साबित कभी कुछ नहीं होगा क्योंकि ऑन रिकॉर्ड तो आप जय में है शर्ट केवल एक है की जय से बाहर आप पकड़े नहीं जान चाहिए और पकड़े गए तब भी गुनहगार साबित ना हो सके ऐसी कहानी में तैयार रखते हैं जिन्हें मुजरिम के पकड़े जान पर पेस करके साबित कर सकते हैं की यदि उनकी गैर हाजरी गैर जानकारी में फरार हो गया नरक से तेरा आप आएगा गुंडा हिंसक पशु के मैन इनको रत चला गया जल्दी निकाल सेट टाइम कम है सर टाइम तो साला लोन में मिल रहा था इंस्पेक्टर पी गया उसकी नजरों से बचकर बड़ी मुश्किल से अंदर दाखिल हुआ हूं मैं अगर 4:01 भी हो गया और मैं जय के दरवाजे पर नहीं पहुंच तो उसके पास सलाद जेलर को जगह घर खबर कर देंगे की रात के चाणक किस वक्त कुंडा जय से फरार हो गया है गिरधारी लाल ने कमल देवी से कहा जल्दी से पैसे लेकर कमल देवी अपने कमरे की तरफ क्लब की पंकज बोला बाहर कारंजा की मौजूदगी को देख लेने के बावजूद तुम यहां तुमने अच्छा नहीं किया कुंडा मजबूरी इंसान से खतरनाक से खतरनाक कम कर देती है बेटे ₹5000 दिए बगैर जय में दाखिल नहीं हो सकता और यहां ना आता तो 5000 रुपए आते कहां से पंकज ने पूछा क्या तुमने सुनैना की हत्या के रहस्य का जिक्र किसी से किया है तेरा दिमाग खराब हो गया क्या कमल तो मैंने 15000 रुपए लाकर कुंडा को दे दिए दोनों गाड़ियों को जब में ठोस था कुंडा सीडीओ की तरफ बड़ा बोला भविष्य में अगर मुझे कुछ जरूर होगी तो या तो मेरा फोन आएगा या रात का रहा है और कर के दरमियां खुदा जाऊंगा तुमसे रहती पंकज का नाम है अगर वह आए और कुछ मांगे तो यह सोचकर दे देना की कुंडा ही मांग रहा है इन शब्दों के साथ वो सीढ़ियां चला चला जा रहा था पंकज उसके साथ था गिरधारी लाल कपड़ा देवी और बादल हाल में खड़े थे एकैथ का बोला तुम कहां मैं तुम्हारी मदद के लिए ही चल रहा हूं पंकज की नजर मुझमें पर पद गई तो जो मेरा होगा वह तो हम जैसे लोगों के साथ होता ही राहत है हां तुम लोगों को उसके सवालों के जवाब देना भारी जरूर पद जाएंगे बादल का मैंने वेद प्रकाश शर्मा के किसी उपन्यास में पढ़ा था पापा की जुर्म के कीटाणु दीमक से कहानी ज्यादा खतरनाक होते हैं मुजरिम अगर कानून से बैक भी जाए तो यह कीटाणु अंदर ही अंदर इस तरह खोकला कर देते हैं जैसे दिमाग लकड़ी को और फिर भी एक दिन इस तरह मुजरिम के जिस पर रहने लगता हैं की सबको साफ साफ नजर आने लगता हैं वह बात मुझे सच होती नजर ए रही है अब देखिए ना एक साल तक हमारे किया गुना की किसी को भक ना भक तक ना थी मगर अचानक उसे जुर्म के समस्त कीटाणु हमारे जिस और तिलो दिमाग को का चोट का चोट कर खाया जा रहा है बकवास बैंड कर बादल बादल तो सपा का कर चुप हो गया मगर कमल देवी कर बर्फ बरपेश्वर में बोली मैं शकर भी कुंडा क्यों नजरों को नहीं भूल का रही हूं जिसने जींस उसने बिंदु को देखा था यह सोच-सोच कर हलकान हुई जा रही हूं की मैं अगर वह बिंदु के साथ उसका कमरे में जान की डिमांड रख देता तो हम में से कोई क्या कर सकता था उसकी इस बात का क्या मतलब था की तेरी लड़की जवान हो गई है सेट मतलब साफ है बिंदु पर उसकी नित खराब हो चुकी है कमल देवी के चेहरे का रंग उड़ चुका था बादल कैसा चला जा रहा था भले ही आज उसने कमरे में जान की डिमांड नहीं राखी हो मगर जी नजर से उसने विंडो को देखा है उसे नजर का सीधा निकलता है की किसी भी रात को आकर डिमांड रखधारी लाल ने झट कर दोनों हाथों से उसका गिराहबान पकड़ लिया गुस्से की जाति के करण ऐसी बातें मत किया जिनकी कल्पना तक से हम चीते की मा जैन बादल पर क्या होगा तो हमारे पास केवल दो विकल्प र जाएंगे गिरधारी लाल कुछ कहना चाहते थे की सर मकान नहीं नहीं मुझे मत मारो इलाके को डाला गई एक बार फिर बिंदु की चिखुरी क्या हुआ क्या हुआ गिरधारी लाल बिंदु के कमरे की तरफ ग गए कमल देवी और बादल उनके पीछे थे आदि तूफान की तरफ है बिंदु के कमरे में पहुंचे और नाइट बल्ब की रोशनी में जो दृश्य देखा उसे देखकर जोर से चिक पड़े कमल देवी तो चिकनी वाली मशीन में तब्दील हो गई थी बिंदु की लॉज डबल बेड के नजदीक फर्श पर पड़ी थी गली मस्तिष्क में ठीक वहां लगी थी जहां सुधा ने पेंटिंग में लगी दर्शी थी गधा और गम खून जख्म से थल थल करके बा रहा था जिसे उन्होंने गुलाब के पौधे की जड़ में छुपाया था तभी सर मकान कल झूठ करंज्या गिरधारी लालची कोट यह करण क्या होगा बादल ना मूर्ख की तरह पूछा तो क्या करूं क्या करूं जल्दी से जाकर दरवाजा खोल कमल देवी जी की हत्यारा गिरधारी लाल हर क्या हुआ जवाब देने के स्थान पर गिरधारी लाल तेजी से लास्ट की तरफ बढ़ रिवाल्वर के नजदीक पहुंचे उसे उठाने के लिए हाथ बढ़ाया है ताकि बादल चिक बड़ा उसे पर हत्यारे की उंगलियां के निशाने के पापा तुम बेवकूफ बादल क्या तुम इस सवाल और का पहचान नहीं रहे हो या वही रिवाल्वर है मूर्ख जिससे सुनैना की हत्या हुई थी और इसका कारंजा के हाथ लगा हत्यारे से ज्यादा खतरनाक हमारे लिए होगा बादल सकता है जल्दी करो दरवाजा नहीं खुला तो वो शक करेगा रोना पीटना शुरू कर दो कमल खाने के साथ गिरधारी लाल रिवाल्वर उठाकर उन्हें दिया ऐसा ब्लाउज में थस लो याद रहे किसी भी कीमत पर यह कारंजा के हाथ नहीं लगा चाहिए अगर यह उसके हाथ ग गया तो बिंदु का हत्यारा पड़ा जाए या ना पड़ा जाए मगर हम सबके हाथों में हाथ खड़े हाथ जरूर पद जाएगी कोठी में कर्म मैच गया पंकज उसे वक्त ड्राइंग हाल की बालकनी में आंधी तूफान की मानिंद भाग रहा था जब पहले बार कल बेलकी करके शिवाजी उसका प्रयास सीढ़ियां ते करके हाल में पहुंचने का था परंतु सीडीओ के नजदीक बहुत ही पाया था की बालकनी में किसी अन्य के भागने की आवाज कुंजी पंकजों का चित का दृष्टि स्वत आवाज की दिशा में घूम गई एक कल समय पर नजर पढ़ते ही वह बहुत चक्कर र गया शायद तेजी से छठ की तरफ जान वाले जीने की तरफ दौड़ रहा था पंकज ने एक ही नजर में देख लिया किसके संपूर्ण जिसमें पर कल लबादा और चेहरे पर से आना कम था रुक जो पंकज चीखता हुआ उसके पीछे सीडीओ के नजदीक पहुंच चुके हैं एक बार पलट कर उसकी तरफ देखा और फिर वापस घूमकर तेजी से सीढ़ियां चढ़ता चला गया था तभी एक सेकंड केवल एक सेकंड के लिए स्वभाव में फैंस गया हो की नीचे आया पोस्ट का पीछा करें मगर फैसला लेने में उसने केवल एक सेकंड खर्च किया अगले ही पार्वती के पीछे लपक जितनी तेजी से लपक सकता था सीढ़ियां चढ़कर छठ पर पहुंच था पौष वाटर टैंक की तरफ दौड़ रहा था उसके पीछे को पड़ा और किसी कुशल लटके भाटी उसके सहारे फिसलता चला गया जब तक फिसलता हुआ लोन में पहुंच जाता तब तक चारदीवारी पहनकर कोटी की सरहद से बाहर निकाल चुका था मगर पंकज ने हर नहीं मनी चारदीवारी फाड़ने के बाद भूत की तरह उसके पीछे ग गया पर की आवाज के करण कॉलोनी में जग हो चुकी थी कई मकान की खली खिड़कियों में इंसानी खड़े नजर ए रहे थे सुनसान पड़ी सड़क पर नाका पोषण पंकजागे पीछे दौड़ रहे थे खली खिड़कियों में से किसी ने दृश्य को देख लिया तभी तो वातावरण में किसी आदमी की आवाज कौन सी हो रहा हो रहा वह भाग रहा है पकड़ो पकड़ो दौड़ता हुआ पंकज के हौसले बुलंद हुए हवा ने खिड़कियों से पकड़ो पकड़ो की आवाज आने लगी थी एक सफेद मारुति कर के नजदीक पहुंच पलक झपके ही दरवाजा खोल कर उसमें सम गया पंकज कुछ और तेजी से कर की तरफ दौड़ा और देख चुका था की सड़क परेशान ने कोई बहन नहीं है जिसके जारी कर का पीछा किया जा सके उधर गाड़ी में सेल्फ मारा गया इधर पंकज ने ड्राइविंग डोर खींचना चाहे परंतु दरवाजा लॉक में घुसा मारा जोरदार आवाज के साथ शिक्षा टूट गया मगर इसी के साथ एक झटका बाढ़ गई पंकज को दोनों हाथों से कर के छठ पर लगे करियर को मजबूती से पकड़ लेने के अलावा कुछ ना सोचा कर कमान के तीर की मां इन सड़क पर आई पंकज भी करियर को पकड़े उसके साथ की सत्ता चला गया ऊपर से उसकी ड्राइविंग सीट पर बैठक नाका पोस्ट को अपनी जान बचाने की पड़ी थी अतः पलक झपके ही कर उसे इलाके को पीछे छुड़ाई जहां फायर की आवाजों के करण जग गई थी मगर नकाबपोश पंकज से अभी भी पीछा नहीं चुडा पाया था छठ पर लगे करियर को पकड़ के सत्ता चला जा रहा था पंकज सड़क सुनसान पड़ी थी मारुति हवा से बातें करने लगी ऐसा नहीं कहा जा सकता है की पंकज इतनी तेज दौड़ रही मारुति के साथ के सेट कर किसी किशन की बहादुर या जीवन जिंदा दिल्ली का परिचय दे रहा था हॉकी अगर यह कहा जाए तो ज्यादा उपयुक्त होगा की करियर को मजबूती के साथ पकड़े रखना उसकी मजबूरी बन चुकी थी इतना डर गया था हुआ की अगर करती नहीं करने का ख्याल दिमाग से निकालकर करियर छोड़ देता मगर रफ्तार कम नहीं कर रहा था खुद को सुरक्षित करने का पंकज के पास अब केवल एक ही उपाय था यह किसी तरह अपने संपूर्ण जिस कोकर की छठ पर पहुंच दे करियर में उजाले और इसी प्रयास में वह हाथ पर पर टकरा रहा तेज हवा उसका विरोध कर रही थी पंकज प्रयासरत रहा खूनी सड़कों पर सनी सड़कों पर हवा से बात करती कर शहर से बाहर निकाल आई अब सड़क के दोनों तरफ खाना जंगल था मौत का खौफ इतना जबरदस्त होता है की उससे बचाने के लिए मुर्दे में भी जान पद जाति है और पंकज प्रयासों के बाद उसने अपने संपूर्ण जिस को छठ पर पहुंचकर करियर में चला रहा था दूसरा हाथी ड्राइविंग वीडियो नाका पोस्ट द्वारा जोर से ब्रेक पे जान के बावजूद कार्य भयानक आवाज के साथ पेड़ से टकराई इतना जोरदार झटका लगा की संपूर्ण शक्ति का इस्तेमाल करने के बावजूद पंकज खुद को करियर में उलझाए ना रख सका और फुटबॉल की तरह जी से गाड़ी टकराई थी धूल भरे फुटपाथ पर कुछ दूर तक चला गया की वह अभी जीवित है ऐसी बात नहीं की उसे छोटे नहीं आई थी मगर छोटे जब तक गम रहती है तब तक इंसान खुशी दिल नहीं पढ़ने देती खड़े होते ही उसने नकाबपोश को आम के बैग की तरफ भागते देखा पंकज चिन्ह की तरह उसके पीछे लवकर और मुश्किल से 2 मिनट बाद ऐसी स्थिति में पहुंच गया और दोनों के जिसमें एक दूसरे से गड़बड़ होकर जमीन पर्चा गियर पंकज को पहले बार एहसास हुआ जमीन पर लुढ़कते हुए एक दूसरे से अलग हो गए नेम अंधेरा था एक दूसरे को केवल सायों के रूप में देख सकते थे नकाबपोश ने अलग होते ही पुनः भागने की चेष्टा की मगर पंकज अब उसे ऐसा अवसर देने वाला नहीं था इस एहसास ने उसका हौसला बड़ा छल कर उसकी नकाब पर गुस्सा चढ़ दिया नकाबपोश के अलग [संगीत] होने के बाद उसे संभालने का मौका नहीं दिया और तब तक ताबड़तोड़ से ठोकर और टक्कर मरता रहा जब तक की वह बेहोश ना हो गई जब विश्वास हो गया अंधेरा इतना था की महिला की सूरत ना देख सका जब से लाइटर निकाला महिला के चेहरे पर नजर पढ़ते ही अलग से सीख निकलते चली गई ऐसी चिक जिसने बैग के जारे जारे को झनझना कर रख दिया अगर हां तो कैसे और अगर नहीं तो यह चक्कर क्या था बिंदु के हत्या किसने की क्या इंस्पेक्टर कारंजा इस पहले ही मर्डर के बाद हत्यारे को दाहोद सका या और हत्याएं हुई अगर हां तो किस किस की हत्यारा कौन था और इन हत्याओं के पीछे उसका उद्देश्य क्या था मैच उपन्यास का सबसे जानदार करैक्टर एक बजन वास्तु यानी रिवाल्वर को मानता हूं उसे रिवाल्वर का जो अगर एक बार इंस्पेक्टर कारंजा के हाथ ग जाए तो पलक झपके ही उसे अपने हर सवाल का जवाब मिल जाए तब जय से बाहर ए जाना क्या रंग लाया बालम कहां था और क्या कर रहा था पोपट के दिमाग का क्या इस्तेमाल हुआ क्या शारदा प्रसाद वास्तव में नहीं कमजोर थे कितने शरीर से नजर आते थे और क्या दुर्गा देवी भी वास्तव में उतनी ही सीधी थी जितनी लगती थी अथवा उनके साइन में कोई आंख थी हरि सिंह का कम क्या केवल करंज्या के कैसे पर डिस्कस करते रहना था सुधा की हरकतों ने गिरधारी लाल के परिवार पर क्या कर बरसाया गिरधारी लाल कमल देवी पंकज और पिंटू ने जय की हवा खाई या मौत के घाट उतार दिया गया है इन सब और इसे जुड़े अन्य सैकड़ो सवालों का केवल एक ही जवाब है और उसे जवाब का नाम है जादू भारत दाल जी हां दहेज में रिवाल्वर के अगले भाग का नाम जादू भारत दाल है इस कथानक का सबसे दिलचस्प्रोजा हुआ सवाल यह है की हत्या कौन कर रहा है हत्यारा कौन है वेद प्रकाश शर्मा जी का चैलेंज है की हत्या का नाम बताने में आपको दांत [संगीत]

Ep 04 दहेज़ में रिवॉल्वर /वेद प्रकाश शर्मा#novelstories #goggleguru #vedprakashsharma#hindinovels

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